उच्च रक्तचाप-लक्षण, कारण एवं उपचार(HYPERTENSION-SYMPTOMS,CAUSES AND TREATMENT)

उच्च रक्तचाप जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है क्योंकि यह बिना चेतावनी के कई बार जानलेवा भी साबित हो सकता है। डब्ल्यूएसओ के अनुसार हर तीसरे युवा को यह समस्या है।आज की भाग दौड़ वाली जिन्दगी में छोटे बच्चे से लेकर बड़े तक इस समस्या की चपेट में हैं।ब्लड प्रेशर खून को पम्प करने प्रक्रिया को कहते हैं।ब्लड प्रेशर इसीलिए कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक नार्मल प्रक्रिया है। लेकिन जब किसी कारणवश यह प्रेशर कम या ज़्यादा होता है, तो इसे हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर कहते हैं।आज लोगों में हाइपरटेंशन या हाइ ब्लड प्रैशर एक बहुत ही आम समस्या है।जो स्ट्रोक,हार्टअटैक, आंख, दिमाग और किडनी की समस्याओं को जन्म देता है।

“हाइपरटेंशन के दौरान हमारे हार्ट की आर्टरीजको सही तरह से खून का सप्लाई नहीं हो पाता है,जिसकी वजह से स्ट्रोक होने का खतरा बढ़ जाता है।दूसरा अगर आपका ब्लड प्रेशर 200-250 के ऊपर जाता है, तो आपको ब्रेन हैमरेज होने का खतरा भी पढ़ जाता है”।हाइपरटेंशन में सबसे बुरा प्रभाव दिल पर पड़ता है।इस दौरान आपका हार्ट रिलेक्स नहीं हो पाता है और कोरोनरी आर्टरीज में कोलेस्ट्रोल जमने के कारण हार्ट अटैक आने की संभावना बढ़ जाती है”।
90% ऐसा होता है जब इसके लक्षण पता नहीं चलते।केवल 10 प्रतिशत ऐसा होता है जब व्यक्ति को इसके लक्षण पता चल पाते हैं.
यदि आपका ब्लड प्रेशर बेहद ऊंचा है,इसमें कुछ विशेष लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- तीव्र सरदर्द
- थकान
- आँख की रौशनी
- छाती में दर्द
- सांस लेने मे तकलीफ
- अनियमित दिल की धड़कन
- मूत्र में रक्त
- छाती, गर्दन, या कानों में तेज़ दर्द
यदि आपको यह लक्षण दिखाई पड़ें,तो किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
हाइपरटेंशन होने के कई कारण हो सकते है।जिनमे मुख्य कारण हैं।
1.अत्यधिक नमक के सेवन से शरीर को भारी छती पहुँचती है जिसमे हार्ट मुख्य है॰ अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन प्रतिदिन 1500 मिलीग्राम सोडियम प्रति दिन खाने की सलाह देता है। अत्यधिक नमक खाने से आपके खून में सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है।नतीजतन अतिरिक्त तरल पदार्थ के कारण उच्च रक्तचाप और गुर्दे की ओर बढ़ने वाले नाजुक रक्त वाहिकाओं पर अतिरिक्त तनाव होता है।

2.निरंतर तनाव उच्च रक्तचाप का कारण बनता है।यह ब्लड प्रैशर को तेज़ी से बढ़ाने मे सहायक होता है।तनाव में अन्य अस्वास्थ्यकर आदतों, जैसे खराब आहार, शराब का उपयोग, या धूम्रपान, जो उच्च रक्तचाप और हृदय रोग में योगदान कर सकते हैं।

3.अधिक वजन होने पर हृदय पर तनाव अधिकहोता है जो उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ाता है।यही कारण है कि रक्तचाप को कम करने के लिए डॉक्टर वज़न कम करने की सलाह देता है।

4.अत्यधिक शराब का सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है.जो स्ट्रोक,हार्ट अटैक व अन्य कई बीमारियों की संभावना बढ़ा देता है।
5.अत्यधिक कैफीन का सेवन भी ब्लड प्रैशर बढ़ा सकता है।अतः कम से कम 2 कप कैफीन युक्त पदार्थ का सेवन कर सकते है।

उपाए-
1.नियमित व्यायाम-व्यायाम रक्तचाप को सामान्य बनाए रखने में मदद करता है.वयस्कों को करीब 30 मिनट प्रतिदिन व्यायाम करना चाहिए। इसमें तेज चलना, साइकिल चलाना, या अन्य एरोबिक व्यायाम शामिल हो सकते हैं।
2.अपने ब्लड प्रैशर को सामान्य बनाए रखने के लिए कम से कम लाल मांस, संतृप्त वसा और मिठाई का सेवन करें।हरी सब्जियाँ,ताज़े फल व अनाज का सेवन करें।
3.डॉक्टर से अपने ब्लड प्रैशर की नियमित जाँचकरवाएँ,ताकि हाइ ब्लड प्रैशर होने पर समय से उपचार किया जा सके।उच्च रक्तचाप का समय से पता चल जाने पर बेहतर इलाज किया जाता सकता है।लगातार जांच करवाने पर उच्च रक्तचाप के परिणामों से बचा जा सकता है।

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